Shubman Gill: The Next Big Thing in Indian Cricket

 Shubman Gill: The Next Big Thing in Indian Cricket Shubman Gill is one of the most exciting young cricketers in the world. The 23-year-old from Punjab has already made a big impact on international cricket, and he is widely tipped to become one of the leading batsmen in the world in the years to come. Gill first came to prominence as the vice-captain of the Indian Under-19 team that won the 2018 World Cup. He was the leading run-scorer in the tournament, with 418 runs at an average of 104.50. He also won the Player of the Tournament award. Gill made his international debut for India in 2018, and he has since played 19 ODIs and 10 T20Is. He has scored 6 centuries and 3 half-centuries in ODIs, and he has scored 2 centuries and 2 half-centuries in T20Is. Gill is a technically correct batsman who is known for his elegant strokeplay. He is also a very good fielder, and he is capable of taking catches in the slips and in the outfield. Gill is still a young player, and he has plenty of r...

Draupadi Murmu biography in hindi : president of india

 

Draupadi Murmu Biography in Hindi- द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं, एनडीए के साथ-साथ देश के अलग पॉलिटिकल पार्टियों से समर्थन मिलने के बाद उन्होंने 21 जुलाई को जारी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में जीत हासिल की है। अपनी इस ऐतिहासिक जीत के बाद द्रौपदी मुर्मू जी भारत की दूसरी और पहली ट्राइबल महिला राष्ट्रपति बन गई है। द्रौपदी मुर्मू जी की उम्र 64 साल है और वह उड़ीसा की रहने वाली है। उनके राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके घर जाकर उड़ीसा में उनको नए राष्ट्रपति बनने की बधाइयां दी है और साथ ही प्रधानमंत्री के पूरी केंद्रीय कैबिनेट मिनिस्ट्री भी नए राष्ट्रपति के घर जाकर उनको बधाइयां दी है। चलिए जानते हैं एनडीए द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रपति कैंडिडेट श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के बारे में विस्तार से - अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं



द्रौपदी मुर्मू कौन हैं?


राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू का नाम दिया गया है। द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता हैं और झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं।



द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे।

द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा

द्रौपदी ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया।

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द्रौपदी मुर्मू का जीवन संघर्ष

द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। बाद में उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और पति भी छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर


उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशी से भाजपा के साथ ही की। भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज कराई। भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया। इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं। साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया। उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता। बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं । 


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सतत कार्यशील राजनीतिक जीवन, कुछ झलकियाँ -


 
उड़ीसा गवर्नमेंट में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को साल 2000 से लेकर साल 2004 तक ट्रांसपोर्ट एवं वाणिज्य डिपार्टमेंट संभालने का अवसर दिया गया था।

इसके बाद उन्होंने साल 2002 से लेकर साल 2004 तक उड़ीसा गवर्नमेंट के राज्यमंत्री के तौर पर पशुपालन एवं मत्स्य पालन डिपार्टमेंट का कार्यभार संभाला था।

 साल 2002 से लेकर 2009 तक यह भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी थी।

 भारतीय जनता पार्टी के एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद को इन्हें साल 2006 से लेकर 2009 तक संभालने का अवसर मिला था।

 एसटी मोर्चा के साथ ही साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेंबर के पद पर यह साल 2013 से लेकर 2015 तक कार्यरत थी।

 झारखंड के राज्यपाल के पद के लिए उन्हें साल 2015 में चुना गया और इस पद पर साल 2021 तक कार्यरत रही।

1997  में चुनी गई थी जिला परिषद

 साल 1997 में उड़ीसा के रायरंगपुर जिले से पहली बार इन्हें जिला पार्षद के रूप में चुना गया। यह रायरंगपुर की उपाध्यक्ष भी बनी थी। इसके अलावा इन्हें साल 2002 से लेकर 2009 तक मयूरभंज जिला में भाजपा के अध्यक्ष बनने का भी अवसर मिला था और साल 2004 में यह रायरंगपुर विधानसभा के विधायक बनने में भी कामयाब हुई और आगे बढ़ते बढ़ते साल 2015 में उन्हें झारखंड और आदिवासी बहुल राज्य के राज्यपाल के पद को संभालने का अवसर मिला था।


पुरस्कार 

  • द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा के द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
  • वर्ष 2007 में, द्रौपदी मुर्मू को "नीलकंठ पुरस्कार" से सम्मानित किया गया था.

 FAQ


1. द्रौपदी मुर्मू कौन है ?
उत्तर-द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं।

2. झारखंड की पहली महिला राज्यपाल कौन थी? 
उत्तर-द्रौपदी मुर्मू।

3.द्रौपदी मुर्मू के पति का क्या नाम था? 
उत्तर-श्याम चरण मुर्मू।

4.द्रौपदी मुर्मू के कितने संतान?
उत्तर-द्रौपदी मुर्मू के 3 संतान हैं 2 पुत्र एवं एक पुत्री। 

5.द्रौपदी मुरमू किस समुदाय से संबंध रखती हैं? 
उत्तर-आदिवासी समुदाय ।

6.द्रौपदी मुर्मू को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था?
उत्तर- नीलकंठ पुरस्कार ।

8.द्रौपदी मुरमू जिला पार्षद के पद के लिए कब चुनी गई थी? 
उत्तर-साल 1997 में।




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